shiv chalisa in hindi Things To Know Before You Buy
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धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥
शिव को भस्म क्यों चढ़ाई जाती है, जानिए यहां भस्म आरती के राज
पुत्र हीन कर इच्छा कोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥
किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥
शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥
धन निर्धन को देत सदा हीं। जो कोई जांचे सो फल पाहीं॥
त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
अथ श्री बृहस्पतिवार व्रत कथा
नमो नमो जय नमो शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥
संकट से मोहि आन उबारो ॥ मात-पिता भ्राता सब होई ।
मैना मातु की ह्वै दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे॥
अर्थ: हे अनंत एवं नष्ट न होने वाले अविनाशी भगवान भोलेनाथ, सब पर कृपा करने वाले, सबके घट में वास करने वाले शिव शंभू, आपकी जय हो। हे प्रभु काम, क्रोध, मोह, लोभ, अंहकार जैसे तमाम दुष्ट मुझे सताते रहते हैं। इन्होंनें मुझे भ्रम में डाल दिया है, जिससे मुझे शांति नहीं मिल पाती। हे स्वामी, इस विनाशकारी स्थिति से मुझे उभार लो यही उचित अवसर। अर्थात जब मैं इस समय आपकी शरण में हूं, Shiv chaisa मुझे अपनी भक्ति में लीन कर मुझे मोहमाया से मुक्ति दिलाओ, सांसारिक कष्टों से उभारों। अपने त्रिशुल से इन तमाम दुष्टों का नाश कर दो। हे भोलेनाथ, आकर मुझे इन कष्टों से मुक्ति दिलाओ।
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